Saturday, October 17, 2020

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 बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे  बोल ज़बाँ अब तक तेरी है  तेरा सुत्वाँ जिस्म है तेरा  बोल कि जाँ अब तक तेरी है  देख कि आहन-गर की दुकाँ में  तुंद ह...